नेट की दुनिया ने कुछ कर गुजरने के कई आयाम दिए ....
ऑरकुट से ब्लॉग, फेसबुक, ट्विटर इत्यादि के मंच पर हर किसी को अपनी
सोच को दिशा देने का अमूल्य अवसर मिला .
‘कलम
या कि तलवार'
रामधारी सिंह "दिनकर की इस रचना में आंतरिक शक्ति की विशिष्टता
उद्धृत है, ...
दो में से क्या तुम्हें चाहिए, कलम या कि तलवार
मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति विजय अपार
बंद कक्ष में बैठ लिखोगे ऊँचे मीठे गान
या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर जा मैदान
कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली
मन ही नहीं विचारों में भी आग लगाने वाली
पैदा करती कलम विचारों के जलते अंगारे
और प्रज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे ....
कवि, लेखक, पत्रकार .... इनकी कलम विचारों के सरहद पर हमेशा तैनात होती
है ताकि परिवर्तन की कोपलें निकलें, संस्कारों
की परम्परा गौरवान्वित रहे, अपने
अस्तित्व, अपने देश की मिटटी के लिए ......इसी कलम से प्रस्फुटित
विचारों के आदान-प्रदान से संकल्प का प्रारूप बना -
कितनी ज़रूरतें बिखरी हैं ....... बूंद बूंद से घट भरें
, किसी के काम आयें - आइये
संकल्प करें
___________________________________
दुनिया में आना, खाना, पीना,सोना और मर के
चले जाना क्या यही जीवन है यदि हाँ, तो पशु और मनुष्य में कोई फर्क नहीं है.........एक चीज़ जो हमें पशुओं से अलग करती है.....वो
हैं "भावनायें" या "जज़्बात".......जो कभी अपने प्रियजनों के लिए होते हैं,
कभी देश के लिए कभी समाज के लिए तो
कभी मानवता के लिए और अन्तत: सम्पूर्ण अस्तित्व के लिए......यही जीवन का
लक्ष्य है कि एक दिन हम इस सम्पूर्ण अस्तित्व के साथ एक हो जाएँ........तो
आइये हम सब मिलकर यहाँ कुछ प्रयास करें कि इन भावनाओं को जीवित रखते हुए हम
लोगों के, समाज के और देश के कुछ काम आ
सकें।
....और देखते ही देखते कई लोगों ने संकल्प लिया -
एक सुझाव मेरी तरफ से है मैं जिस NGO में काम करता हूँ वहां गरीब परन्तु प्रतिभावान
बच्चों को उनकी शिक्षा में प्रोत्साहित करने हेतु स्पोंसरशिप प्रदान की जाती
है..........जिसका शुल्क 4200/- रूपए
प्रति वर्ष, प्रति बच्चा
है।.............सहयोग की राशि कि रसीद काउंसिल द्वारा दी जाती है जिस पर
आयकर की 100% छूट का प्रावधान
भी है...............वर्ष
के अंत में बच्चे की अंकतालिका की प्रति और उसके द्वारा लिखा गया पत्र स्पोंसर को प्रेषित
किया जाता है........काउंसिल ये सुनिश्चित करती है की दिया गया योगदान सिर्फ बच्चे की
पढ़ाई में ही प्रयोग किया जाये.....अभिभावक को सूचित किया जाता है की यदि
बच्चे का प्रदर्शन लगातार गिरता रहा तो उसकी स्पोंसरशिप निरस्त की जा
सकती है........वर्ष में एक बार अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरुस्कृत
किया जाता है
हम में से जो भी चाहे यहाँ योगदान कर सकता है मेरा
सुझाव ये भी है की हम सब मिलकर भी यहाँ 'संकल्प' के नाम से योगदान कर सकते हैं
इसके अतरिक्त यदि आपके आस पास कुछ ऐसा अवसर है तो यहाँ
शेयर करें ताकि 'संकल्प'
को कार्यान्वित किया जा सके
सबसे पहला संकल्प - हम जो करेंगे - निष्ठा और ईमानदारी से .
अवन्ती सिंह ने एक कदम बढ़ाया -
जैसा कि पूर्व में आप सब को बताया गया था के (DCCW, NGO, Delhi Council for Child welfare, Charity for
children, orphanage, under-privileged children )के तहत चलने वाली योजना जिस में की 4200/- एक
बच्चे की एक साल की स्पॉन्सरशिप में होते हैं जो गरीब बच्चे की ट्यूशन फीस व अन्य शिक्षा सम्बन्धी मदों पर
खर्च किये जाते
हैं......संस्था द्वारा साल में तीन
किश्तों में ये रूपए बच्चों में वितरित किये
जाते हैं.....साल के अंत में बच्चों को उनके परीक्षाफल के अनुसार पुरुस्कृत भी किया जाता है।.........जिस बच्चे को स्पांसर
किया जाता है उस
बच्चे से सम्बंधित सभी रिपोर्ट
स्पोंसर को प्रेषित की जाती है और बच्चे का हस्तलिखित धन्यवाद पत्र भी प्रेषित किया जाता है ।) इस
उदेश्य के लिए धनराशी एकत्रित की जा रही है ,आप में से जो भी सदस्य इस में अपना योगदान देना चाहें कहें ,उन्हें एक A/C no, दे दिया जायेगा जिस में वे अपना सहयोग जमा करवा दें ,सहयोग राशी के विषय में ग्रुप
में जरुर बताएं ताकि सब को पता रहे के कौन सहयोग दे रहा है ,अभी तक 3
सदस्य इस के लिए हामी भर रहे है ,मैं ,रश्मि जी और इमरान जी इन तक A/C पहुंचा
दिया गया है वे अपनी राशी जमा करवा कर ग्रुप में सूचित करें
,सदस्यता राशी भी इस ही A/C में
जमा करवाई जा सकती है,फिलहाल हम ये जानना चाहते है
के कितने सदस्य इस में इच्छुक है इस लिए आप कहेगे तब ही A/C NO. आप को msg.
के जरिये भेज जायेगा
..............
इस बार जो पैसे जमा होंगे उन में
से ,एक बच्चे की पढाई हेतु वार्षिक धनराशी हम लोग उस संस्था को देगें जिस में इमरान जी कार्यरत है ,वहां से जो रसीद मिलेगी
आप सब को दिखा दी जाएगी ,काफी लोगों ने ये चाहा है के सहायता सीधे ही पहुंचाई जाए ,इस पर मैं काम कर रही हूँ ,अपने पास के स्लम एरिया से कुछ बच्चे तलाश रही हूँ जिन्हें सच में मदद की जरूरत हो ,फिर किसी टीचर से बात करके उन की ट्यूशन का इंतजाम किया जायेगा, आप लोग भी इस तरह के काम से जुड़ सकते है ये मुश्किल तो है पर जहां चाह वहां राह होती है !
अभी काफी कम लोगों ने धनराशी जमा
करवाई है ,बाकि सब लोग इस बात पर ध्यान दे अपनी सहयोग राशी जल्द जमा करवाये ताकि हमे पता तो चले के हर
माह हमारे पास कितनी धनराशी आने वाली है और हमे कितने बच्चों की
ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए !
=================================================
यह तो आरम्भ है ........कुछ लोगों ने राशि जमा भी करवाई है - एक बूंद आपकी सोच का हमें
मजबूत करेगा - मिलकर हम एक घट तो भर पायेंगे ताकि दूसरे घट का हौसला जागे
मेरा तो बस इतना कहना है बंधुओं कि -
खुशियाँ - रुई के उड़ते फाहों में भी मिल जाती हैं
अजीब है खुशियों की परिभाषा
कभी कल्पना में
कभी कहानी में
कभी झोपडी से निकलते बेसुरे गीतों में
कभी झूठ में
कभी किसी के फिसलने में
कभी बेबात की सोच में
कभी हरी पत्तियों में
कभी पीली पत्तियों में
कभी कठपुतली
कभी सर्कस
कभी सड़क के किनारे फिरकी में
कभी साबुन की फेन से बने बुलबुलों में
कभी नहीं नहाने में
............... चलिए
इन बेवजह से बनी छोटी छोटी खुशियों की पगडंडियाँ बनायें
उम्मीदों के तिनके से एक घोसला बनाये
मिटटी के गुल्लक में सिक्के जमा करें
......... जब
फोड़ें तो घोसले के चिड़े उड़ने लगें
इस 'संकल्प'
को हम रोज दोहराएँ :)
और छोटी छोटी खुशियाँ संजोयें
कहिये - आमीन
रश्मि प्रभा
Shukriya Di :)
बढ़िया शुरुआत...:)
बहुत सुन्दर...
बहुत बहुत शुक्रिया।
बहुत बढ़िया शुरुआत...आभार