रचना भारतीय
मधेपुरा




रचनाएं:

ये खामोशी, तूफान का असर तो नहीं
खुशियों की सौगात लिखूँ
तय कर लेंगे हम सफ़र, फर्श से लेकर अर्श का
लड़ के तो जरा दिखाओ
ये लोग लहू के प्यासे हैं
जब तक जान बांकी है
वीरों के बलिदान का कैसा सिला दिया
तू  है हमारी शान
कुदरत की चेतावनी का कुछ आभास करो
आओ-आओ पेड़ लगाएँ
1 Response
  1. pallavi Says:

    बेहतरीन रचनायें


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