आज मै खुद से अपना दर्द कहा
अपनी ही बाहों में बहुत रोया
मै खुद का हमदर्द बन गया
अच्छा लगा जब मै खुद के पास गया,
और अपनी जिन्दगी का हिसाब माँगा
एक-एक दर्द का,हर एक आंसू का
मेरे हिस्से ही इतना दर्द क्यों.
चिल्ला रहा था मै खुद पर
और मेरी जिन्दगी मुस्कुरा रही थी

तभी एक आवाज आई
सारा दोष तुम्हारा है
गुजरा हुआ अतीत भी तुम्हारा है
आने वाला वह सुनहला कल भी तुम्हारा होगा
क्यों कि आज तुम्हारा मैतुम्हारे पास नहीं है
जो प्रश्न आज तुमने मुझसे पूछा है
उन सबका जबाब तुम्हारे पास है 
तू उठ और चल अब कोई तुझे प्रभावित नहीं करेगा
तू खुद अपनी मुकद्दर का बादशाह होगा…..



-हेमंत सरकार, मधेपुरा.
0 Responses

एक टिप्पणी भेजें