कुछ न कुछ रोज
नयी बात हो जाती है,
नयी बात हो जाती है,
कभी खूबसूरत तो
कभी
वाहयात हो जाती है.
वाहयात हो जाती है.
मौसम का भी अंदाज़
कमोवेश यही है,
कभी चिलचिलाती धूप
कभी बरसात हो जाती है.
कमोवेश यही है,
कभी चिलचिलाती धूप
कभी बरसात हो जाती है.
मेरी खामी पे ही
उनकी नज़र
हर वक़्त टिकती है,
हर वक़्त टिकती है,
खूबियाँ मेरी उनके
वास्ते
खुराफात हो जाती है.
खुराफात हो जाती है.
चाहता हूँ बच के
चलना
और झटक कर निकलना,
और झटक कर निकलना,
फिर भी उन्हीं से
रोज
मुलाकात हो जाती है....
मुलाकात हो जाती है....
शम्भू शरण भारतीय
मधेपुरा
waah bahut sunder rachna
आपको और आपके परिवार को
होली की रंग भरी शुभकामनायें
aagrah hai mere blog main bhi sammlit hon