धर्म
अधर्म बनती जा रही है
संस्कृति
पाश्चात्य बनती जा रही है
शिक्षा
बाजारु बनता जा रहा है
अब
बहुत कठिन समय है
अधर्म के साथ जीना
पाश्चात्य संस्कृति को अपनाना
बाजारु शिक्षा भी पाना
दरअसल
मन के विरुध्द जीना
बिना भूख
बिना प्यास
अब पडता है
शायद
कुछ भी खाना ।
कुछ भी पीना ॥
डाँ. सुनील कुमार परीट
सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय
लक्कुंडी, बैलहोंगल जि- बेलगाम (कर्नाटक)
सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय
लक्कुंडी, बैलहोंगल जि- बेलगाम (कर्नाटक)
SAHMAT PURI TARAH SE. ABHAR ....