दिल लगे तब दुःख
होता है
दुःख होता है तो
तू रोता है
जो रोता है तो
चैन से सोता है
सोता है तो सपनो
में खोता है
बातें जो तप चुकी
दिन में
शब्द जो पक चुके
मन में
अब सपनो में दिख
जाते है
सियाह रात में
बहे जाते है
बाल सफ़ेद हो गए
तेरे
काले अनुभवों के
लिए घेरे
कब तक तू यह सह
पायेगा ?
क्या आंसु से
लकीरें बदल पाएगा ?
दुखी होना हल
नहीं जीवन का
दुःख में जीना बल
है जीवन का
कह दो बात जो कही
नहीं जा रही
बतलाओ बात जो सही
नहीं जा रही
मुंह से बोल कर
ही निजात पायेगा
वरना घुट घुट का
बिखर जायेगा
दुःख के बवंडर
में घिरता जायेगा
'निर्जन' खुद को खुद से जुदा पायेगा
तुषार राज
रस्तोगी
नई दिल्ली
नई दिल्ली
दुखी होना हल नहीं जीवन का
दुःख में जीना बल है जीवन का.........sundar kahan......!!
शुक्रिया भावना