ओ देश के जवान, तू है हमारी शान।
नाज़ करता है तुझ पर सारा हिंदुस्तान ।
नाज़ करता है तुझ पर सारा हिंदुस्तान ।
तेरी वीरता के हैं गवाह...
हिमालय के ऊँचे शिखर ।
साहस की तेरे साक्षी है...
गंगा की ये धारा प्रखर....।
तेरे जुनूं को, जज्बे को मैं करती हूँ सलाम ।
नाज़ करता है तुझ पर सारा हिन्दुस्तान ।
हिमालय के ऊँचे शिखर ।
साहस की तेरे साक्षी है...
गंगा की ये धारा प्रखर....।
तेरे जुनूं को, जज्बे को मैं करती हूँ सलाम ।
नाज़ करता है तुझ पर सारा हिन्दुस्तान ।
युद्ध हो या आपदा...
संकट में जब आए वतन ।
आ जाते हो बनके खुदा तू,
बांध के सर पे कफ़न ।
करते हो यूँ रक्षा हमारी, देके अपनी जान ।
नाज़ करता है तुझ पर सारा हिन्दुस्तान ।
संकट में जब आए वतन ।
आ जाते हो बनके खुदा तू,
बांध के सर पे कफ़न ।
करते हो यूँ रक्षा हमारी, देके अपनी जान ।
नाज़ करता है तुझ पर सारा हिन्दुस्तान ।
हम चैन से हैं इसलिए...
कि तुम हो सीमा पर खड़े ।
वतन की आबरू के लिए ,
हर दर्द सहकर तुम लड़े ।
व्यर्थ न जाने देंगे हम तेरा बलिदान ।
नाज़ करता है तुझ पर सारा हिंदुस्तान ।
ओ देश के जवान..तू है हमारी शान ।
कि तुम हो सीमा पर खड़े ।
वतन की आबरू के लिए ,
हर दर्द सहकर तुम लड़े ।
व्यर्थ न जाने देंगे हम तेरा बलिदान ।
नाज़ करता है तुझ पर सारा हिंदुस्तान ।
ओ देश के जवान..तू है हमारी शान ।
रचना भारतीय, मधेपुरा
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