तुम सरहद की बात
करो
वो संसद में चिल्लायेंगे
वो संसद में चिल्लायेंगे
तुम प्याज के आंसू रोओगे
वो मस्त बिरयानी खायेंगे
तुम केदारनाथ में बिलखोगे
वो दिल्ली में जश्न मनाएंगे
तुम आज़ादी की बात करो
तुम पर लाठी बरसाएंगे
वो चार साल अय्याशी कर
पांचवे साल फिर आयेंगे
वो हरी गड्डियां फेकेंगे
सारे जनमत बिक जायेंगे
अभी वो दर दर आये हैं
दर दर तुमको भटकायेंगे
सोनल रस्तोगी,
गुरगाँव, हरियाणा
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