माँ, मैं हूँ पराई...
इसमें मेरी क्यों गलती बताई...
माँ मुझे मार दिया जायेगा तो,
बेटी कौन कहलाएगा
व्यर्थ चिंता मत कर बेटे की,
तेरी बेटी ही बेटा कहलाएगी
कोख में पल रही बेटी की पुकार,
सच्ची कहलाएगी.
अब बेटा नहीं ,
बेटी साथ निभाएगी
मत कर चिंता दहेज़ की,
तेरी बेटी खूब कमाएगी.
तेरी बेटी तुझे छोड़ कर,
कहाँ जाएगी
माँ कोख में पल रही
बेटी की पुकार सुन
व्यर्थ चिंता मत कर बुढ़ापे की
तेरी बेटी तेरी ही कहलाएगी
वो भी बेटी थी,
जो लक्ष्मीबाई कहलाई थी
दुनिया से लड़कर,
अपने देश का नाम कमाई थी
वो भी बेटी थी जो,
अन्तरिक्ष कल्पना चावला कहलाई थी
अन्तरिक्ष में जाकर,
संसार का नाम कमाई थी
मैं भी बेटी हूँ ,
बेटे से बढकर नाम कमाऊँगी
फूल हूँ तेरे आँगन की,
तेरे आँगन को महकाऊँगी
न मार कोख में मुझे,
माँ कैसे कहलाएगी ?
गीता गाबा
नई दिल्ली.
नई दिल्ली.
:-)
बहुत बहुत बधाई....
oye hoye kya bat he badhayi
Very Good
wah geeta wah i m proud of you.............
वाह बधाई
वाह बधाई
thanku