ये भारत का शासन है यारों,
सोया यहाँ प्रशासन है,
चोर सड़क पर घूम रहें हैं,
ज़ेल मे बैठे नेता जी,
भ्रष्टाचार के पेड़ उगे हैं,
मक्कारी की बहती है नदी,
बेईमानी तो कण कण मे है,
खेती झूठों की खूब लगी,
घूसखोरी के जंजीर से जकड़ी,
यारों ये इंडिया सारी है,
नेता हैं भगवान यहाँ के,
जनता तो बेचारी है,
पाँच साल मे एक बार बस,
आती इनकी बारी है,
इनमे इनका कोई दोष नही है,
ये तो भारत माँ की लाचारी है .
पल्लवी, मधेपुरा
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