कितना
प्यारा-प्यारा सा दीपक
घर-मंदिर में
जलता दीपक
देखने में छोटा
उजास भरा दीपक
अंधकार को चीर जाता
जलता है जब दीपक
कला कोशल के
श्रम से बनता
दीपक
सजती नहीं
दीपावली
बिन दीपक
घरों पर सजे हार से लटके दीपक
आराधना के सच्चे
साक्ष्य होते
दीपक
अमीरी -गरीबी में
फर्क
नहीं करते दीपक
बिन बिजली के जब
मुस्कुराते दीपक.
संजय वर्मा
"दृष्टि "
125, शहीद भगत सिंग मार्ग
मनावर जिला -धार
(मप्र )
454446
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