माँ हमारे जीवन का हैं
सशक्त मूल आधार
कष्ट-गरल को सहर्ष
पीकर दिखाती हमें संसार
सर्व-ज्ञात है यह सत्य कि
स्वर्ग से बढ़कर माँ है
संतान-संतति कुछ भी हो
पर दया दिखाती माँ है
श्रद्धा, विश्वास और स्नेह
माँ का एक महज पूंजी है
नहीं कोई, कुछ साथ हो अगर
संग मातृत्व का अनुगूँज है
मान-अपमान सब सहकर भी
माँ ममता बिखेरती है
नवोत्कर्ष हो संतानों का
यही कामना करती है
कल, आज और कल भी
अगर निःस्वार्थ जीव की बात हो
माँ ही होगी एकमात्र जो
इस जगत में ऐसी सौगात हो
मनोज 'आजिज़'
सशक्त मूल आधार
कष्ट-गरल को सहर्ष
पीकर दिखाती हमें संसार
सर्व-ज्ञात है यह सत्य कि
स्वर्ग से बढ़कर माँ है
संतान-संतति कुछ भी हो
पर दया दिखाती माँ है
श्रद्धा, विश्वास और स्नेह
माँ का एक महज पूंजी है
नहीं कोई, कुछ साथ हो अगर
संग मातृत्व का अनुगूँज है
मान-अपमान सब सहकर भी
माँ ममता बिखेरती है
नवोत्कर्ष हो संतानों का
यही कामना करती है
कल, आज और कल भी
अगर निःस्वार्थ जीव की बात हो
माँ ही होगी एकमात्र जो
इस जगत में ऐसी सौगात हो
मनोज 'आजिज़'
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