जिस काम में ना हो मन
उसे कभी नहीं करना चाहिये
जिस काम में हो मन
उसी काम को करना चाहिये
मन ना होने से बिगड़ जाता है काम
मन होने से सवर जाता है काम
और हमारी प्रतिभा निखर के
आती है सामने हम होते है
शोहरत के आसमान पर
हम छूते है कामयावी की
बुलंदियो को और हमें
मिल जाता है सब कुछ
गरिमा
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